महाविद्यालय वंदना

इतनी शक्ति हमें देना दात, मन का विश्‍वास कमजोर हेा न – 2

     हम चलेू नेक रस्‍ते पे, हमसे भूलकर भी कोई भूल हेा न।।

  1. दूर अज्ञान के हो अंधेरे तू हमें ज्ञान की रोशनी दे।

हर बुराई से बचते रहे हम, जितनी भी दे भली जिंदगी दे।

बैर हेा न किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो न।

हम चले नेक ……………………………………………………..

  1. हम न सोचें हमें क्‍या मिला है, हम ये सोचें किया क्‍या है अर्पण।

फूल खुशियों के बाटे सभी को, सबका जीवन ही बन जाये मधुवन।

अपनी करूणा का जल तू बहा के, कर दे पावन हर इक मन का कोना।

हम चले नेक …………………………………………………………………………

  1. हम अंधेरे में है रोशनी दे, खो न दे खुद को ही दुश्‍मनी से।

हम सजा पाये अपने किये की, मौत भी हो तो सह ले खुशी से।

अब जो गुजरा है वो फिर न गुजरे, आने वाला तो कल ऐसा हो न।।

हम चले नेक ………………………………………………………………………